बाइबल के अनुसार स्त्री का श्रृंगार
Women's Makeup According To The Bible
और तुम्हारा श्रृंगार दिखावटी न हो, अर्थात् बाल गूँथने, और सोने के गहने, या भाँति-भाँति के कपड़े पहनना। वरन् तुम्हारा छिपा हुआ और गुप्त मनुष्यत्व, नम्रता और मन की दीनता की अविनाशी सजावट से सुसज्जित रहे, क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में इसका मूल्य बड़ा है। (1 पतरस 3:3-4)
1 पतरस 3:3-4 श्रृंगार ... छिपा हुआ और आन्तरिक सुन्दरता के श्रृंगार।
भड़कीले और कीमती वस्त्र, शालीनता की आत्मा के विरुद्ध है जिसे परमेश्वर मसीह पत्नियों में देखना चाहता है
(1) परमेश्वर का मूल्यवान श्रृंगार
परमेश्वर एक मसीही पत्नि में जिस बात को अधिक मूल्य देता है वह है उसका विनम्र और शांत स्वभाव या मनोवृत्ति (मत्ती 11:29, मत्ती 21:5) जिसके कारण वह अपने पति और परिवार वालों में परमेश्वर की इच्छा उनके जीवन में पूरी होने में मदद करती है तथा परमेश्वर को आदर प्रदान करती है।
- (A) विनम्र विशेषण का प्रयोग एक मनोवृति के रूप में किया गया है।
- (B) शांत विशेषण का प्रयोग ऐसी मनोवृत्ति को दर्शाने के लिए किया गया है जो प्रचण्ड नहीं है तथा गड़बड़ी उत्पन्न नहीं करती।
- वास्तविक सुन्दरता, श्रृंगार की नहीं किन्तु चरित्र की है।
(2) संसार और मसीही स्त्रियाँ
भौतिकवाद, लुभावने वाले फैशन, स्वयं को सही ठहराना, कामुक्ता से ग्रस्त, तथा घर-परिवार के मूल्यों की अवमानना से नियंत्रित संसार में मसीही पत्नियों को मसीह तथा उसके वचन के प्रति विश्वासयोग्य रहना चाहिए।
1 तीमुथियुस 2:9
वैसे ही स्त्रियां भी संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों से अपने आप को संवारे; न कि बाल गूंथने, और सोने, और मोतियों, और बहुमोल कपड़ों से, पर भले कामों से।
स्त्रियाँ भी संकोच और संयम के साथ परमेश्वर की यह इच्छा है कि मसीही स्त्रियाँ शालीनता और संयम के साथ वस्त्र धारण करें।
- शब्द "शालीनता" शरीर की अभिव्यक्ति में एक प्रकार के संकोच का संकेत करता है।
- यह आंतरिक पवित्रता का बाहरी प्रगटीकरण है।
- बाल गूँथने और सोने और मोतियों का अर्थ संभवतः विलासिता की वस्तुओं से बालों को सजाना है।
✦ संदर्भ: 1 पतरस 3:3; यश 3:18-23; 1 तीम 2:9; 1 पतरस 3:4; रो 7:22; इफ 3:16; रो 2:29; 1 पतरस 3:5; 1तिम 5:5; तीतु 2:15; 1 पतरस 3:6; उत्पत्ति 18:12
बाहरी व दिखावटी श्रृंगार
(1 पतरस 3:3)
- बालों को गूंथना
- सोने के आभूषण पहनना
- विभिन्न प्रकार के वस्त्र पहनना
पतरस यहाँ पर इन तीनों बातों का पूरी तरह खण्डन करता हुआ दिखाई नहीं देता। वह बाहरी श्रृंगार की अपेक्षा आन्तरिक श्रंगार के महत्व पर बल देता है। बहुत से लोग चरमसीमा पर पहुँचते हुए अँगूठी पहनना, हार पहनना और अन्य आभूषणों के उपयोग को पाप की श्रेणी में रख देते हैं, परन्तु इस पाठांश का यह उद्देश्य नहीं है। यह पाठांश इन्हें पापपूर्ण नहीं कहता अथवा मसीहियों के लिये प्रतिकूल नहीं बताता। इस प्रकार यह पौलुस के विचार से मेल खाता है जो आभूषणों और वस्त्रों के अधिक उपयोग की निन्दा करता है।
प्राचीन वेश-भूषा
प्राचीन पगड़ी, सिर का पहरावा
1 तीमुथियुस 2:9 वैसे ही स्त्रियां भी संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों से अपने आप को संवारे; न कि बाल गूंथने, और सोने, और मोतियों, और बहुमोल कपड़ों से, पर भले कामों से।
यूनानी, Plegma, प्लेग्मा, कोई भी वस्तु बुनी हुई या गूँथी हुई; एक जाल; मालाएँ; पुष्प्मालाएँ। केवल यहाँ। यह बालों (Trichos, ट्रिखॉस) के लिए यू. शब्द नहीं है जिसे बाल 14 बार अनु. किया गया है। यह यहाँ बालों का वर्णन कर सकता है, लेकिन यह उदाहरणस्वरूप, सिर-भूषा (सींग के किसी भाग का भी वर्णन कर सकता है।)
स्त्रियाँ माथे पर सब प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से सुसज्जित 18 से 20 इंच लंबी एक खोखली चाँदी या सोने की ट्यूब या सींग पहनती थीं, इसमें से मज़बूत डोरियाँ पीठ पर लटकती थीं जो घुटनों तक पहुँचतीं और उनमें सीसे से वजनी (भारी) किये गये लाल रेशम के फुंदने लगे होते थे। ये सींग परदे को आगे गिर पड़ने से बचाते थे।
यह पूरी वस्तु (परदा) डोरियों के, जो इसे संभालती थीं, जाल से और जबड़ों के नीचे से एक मज़बूत पट्टी से मज़बूती से बाँधी जाकर स्थिर की जाती थी। एक पर्दा सींग के ऊपर से इस प्रकार से ओढ़ा जाता था कि सामने से इसका नीचे का आधा भाग खुला रहे। परदे को इच्छानुसार चेहरे पर खींचा जा सकता था, कि सारा चेहरा ढक जाए लेकिन एक आँख नहीं।
बालों के बारे में, जिसका यहाँ सन्दर्भ दिया जा सकता है, यह चोटियों (लटों) में पीठ पर होते थे—1 चोटी (लट) से लेकर रिकार्ड 110 चोटियों (लटों) तक। प्रत्येक चोटी (लट) में अनियमित दूरियों पर और नीचे घुटनों तक पहुँचते हुये सोने के सिक्कों के साथ रेशम की डोरियाँ बुनी जातीं, जो पहननेवाले की प्रत्येक चाल पर चमचमाते थे।
कभी-कभी बातों से देवालय और अन्य विचित्र आकृतियाँ गोंद की सहायता से बनाई जाती थीं। कभी-कभी (सोने के) सिक्कों से पूरी तरह ढकी हुईं या हीरों से सामनेवाले हिस्से से सजी हुईं टोपियाँ पहनी जाती थीं। एशियाई स्त्रियाँ, न केवल उनके सिरों, वरन् शरीर के दूसरे भागों पर भी हीरे-जवाहरात से अत्यधिक सँवारने की शौकीन थीं। कान की बालियाँ, नाक के हीरे (हीरे की नथें), जंजीरें, अगूठियाँ, कंगन, पाजेबें (टखने के कड़े), असली मोतियों और मुद्रा की लड़ियाँ तथा कई अन्य आभूषण पहने जाते थे, और कुछ तो पुरुषों के द्वारा भी (उत्प 24:47; निर्ग 32:2; 35:22; न्याय 8:24; यशा 3:16-24; अय्यू 42:11)
- बाइबल के अनुसार स्त्री का श्रृंगार
- Bible on women’s adornment
- 1 पतरस 3:3-4 स्त्री श्रृंगार
- 1 तीमुथियुस 2:9 महिलाओं के वस्त्र
- Biblical teaching on modesty
- Christian women dress code
- आंतरिक सुंदरता बनाम बाहरी श्रृंगार
- बाइबल और स्त्रियों का श्रृंगार
- बाइबल के अनुसार स्त्री का श्रृंगार
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- 1 पतरस 3:3-4 स्त्री श्रृंगार
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- बाइबल और स्त्रियों का श्रृंगार
यदि हम सब प्रकार के बाल गूंथने अथवा सोने के आभूषण पहनने की निन्दा करते हैं, तो हमें सब प्रकार के वस्त्र पहनने की भी निन्दा करनी चाहिए क्योंकि यहाँ पर इसे भी तीन बातों में शामिल किया गया है। यदि हम एक की ही निन्दा करते हैं, तो हमें सभी तीनों की निन्दा करनी चाहिए।
इसलिए हमें एक ही बात पर नहीं परन्तु सब बातों पर उचित ध्यान देना चाहिए। हमें सबसे अधिक बाहरी श्रृंगार की अपेक्षा आंतरिक श्रृंगार पर ध्यान देना है (पद 4)।
पतरस यहाँ पर प्राचीनकाल की पवित्र स्त्रियों का उदाहरण प्रस्तुत करता है जो अपने आंतरिक मनुष्यत्व को नम्र और शान्त मन वाले अविनाशी आभूषणों से सुसज्जित करतीं तथा अपने पतियों के अधीन रहा करती थीं, परन्तु जो अधिक आभूषण और बाहरी सजावट भी करती थीं (पद 5-6; उत्प 24:22, 30, 47, 53)।
ये सारे आभूषण और वस्त्र अब्राहम और सारा की ओर से दिए गये थे जो सोने चांदी के बड़े धनवान थे (उत्प 24:35)।
प्राचीनकाल में स्त्री व पुरुषों दोनों ही के द्वारा आभूषण पहने जाते थे (निर्ग 32:2; 35:22; न्याय 8:24; यशा 3:11-24; अय्यूब 42:11)।
स्रोत: Pastor Bablu Kumar Blog

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