बाइबल के अनुसार नया जन्म या पुनर्जीवन - New Birth or Regeneration According to the Bible - Pastor Bablu Kumar


बाइबल के अनुसार नया जन्म या पुनर्जीवन

New Birth or Regeneration According to the Bible


प्रस्तावना


हृदय परिवर्तन और नये जन्म को अलग-अलग नहीं किया जा सकता; हृदय परिवर्तन पाप से मसीह की ओर फिरने का कार्य है; नया जन्म पवित्र आत्मा की सामर्थ्य द्वारा एक नया प्राणी बना दिया जाना है।


पुनर्जीवन या नया जन्म एक ऐसा साधन है जो हमें परमेश्वर के परिवार में ले आता है, हम परमेश्वर के पुत्र के राज्य में प्रविष्ट होते हैं।


मसीही बनने का एक मात्र साधन नया जन्म पाना है; पवित्र आत्मा की सामर्थ्य द्वारा नया जन्म पाना। नया जन्म उद्धार का द्वार है; परिणामस्वरूप यह स्वर्ग का द्वार भी बन जाता है।


1. परिभाषा-नया जन्म क्या है?

इसका अर्थ फिर से जन्म लेना या पुनः सृष्टि है-एक नया जन्म एक दूसरा जन्म एक नई सृष्टि है। नया जन्म मनुष्य में पवित्र आत्मा द्वारा एक नए जीवन की सृष्टि है, जिसे "नई सृष्टि" या "नया मनुष्य" कहा जाता है।


यह प्रथम जन्म के समान ही एक घटना है, प्रक्रिया नहीं है, यद्यपि प्रथम बार पाप के लिए कायल होने से लेकर नए जन्म तक कई दिन, सप्ताह मास और यहाँ तक कि वर्षों का समय भी लग सकता है। तौभी वास्तविक जन्म एक सैकेण्ड में हो जाता है, जैसे कि कोई अन्धकार से ज्योति में आ जाता है। व्यक्ति का एक दूसरा जन्म दिन होता है और वह एक नया जीवन आरम्भ करता है।


2. नए जन्म की आवश्यकता

नया जन्म लेने की आवश्यकता किसको है? केवल नीकुदेमुस के समान बहुत भले मनुष्य को ? केवल बहुत ही बुरे लोगों जैसे सताने वाले पौलुस को? क्या यह अपने अपने विचार और चुनाव का विषय है?


बाइबल स्पष्टता से यह शिक्षा देती है कि सभी को नए जन्म की आवश्यकता है; उद्धारकर्ता की भाषा प्रभावशाली है। यूहन्ना 3:3 "मैं तुझसे सच सच कहता हूँ; यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।" यूहन्ना 3:7, "तुम्हें नए सिरे से जन्म लेना अवश्य है।" इस नियम का कोई अपवाद नहीं है (उद्धारकर्ता को छोड) न ही लिंग आयु, पद या स्थिति किसी को नए जन्म की आवश्यकता से छूट देती है। नए जन्म के स्थान पर किसी भी अन्य बात को नहीं रखा जा सकता; नया जन्म पाने से वंचित रहना भटक जाना है।


गलातियों 6:15, "क्योंकि न खतना और न खतना-रहित कुछ है, परन्तु नई सृष्टि।" नई सृष्टि बनने के लिए नया जन्म, लेना आवश्यक है।


यिर्मयाह 13:23, "क्या हब्शी अपना चमड़ा, व चीता अपने धब्बे बदल सकता है? यदि वे ऐसा कर सकें, तो तू भी, जो बुराई करना सीख गई है, भलाई कर सकेगी।" यह नए जन्म के बिना असम्भव है।


यिर्मयाह 17:9, "मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उसमें असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?" केवल परमेश्वर ही एक नया, शुद्ध हृदय प्रदान कर सकता है, यही नया जन्म है।


मनुष्य की विश्वव्यापी पापमय स्थिति एक परिवर्तन की मांग करती है; उद्धार के लिए नया जन्म। परमेश्वर की पवित्रता मांग करती है कि मनुष्य नए सिरे से जन्म ले। इब्रानियों 12:14, "सब से मेल-मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।"


पवित्रता स्वाभाविक मनुष्य के लिए असंगत है; इसको केवल नए जन्म के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। परमेश्वर का जीवन जीने के लिए हमारे अन्दर परमेश्वर का स्वभाव होना आवश्यक है-परमेश्वर का अपना स्वयं का पवित्र स्वभाव।


3. नये जीवन का स्वभाव


1) यह बपतिस्मा नहीं हैः बपतिस्मा कलीसिया का एक संस्कार है जो यह सूचित करता है कि व्यक्ति मसीही है और वह मसीह के साथ मारा गया, गाड़ा गया, जी उठा और अब प्रतिदिन अपना जीवन मसीह के साथ व्यतीत कर रहा है।


यह सुधार नहीं है: सुधार व्यक्ति के पुराने स्वभाव का एक कार्य है जिसमें वह कुछ बुराइयों का त्याग कर देता है, जब कि पुनर्जीवन परमेश्वर का अलौकिक कार्य है; यह एक अत्मिक परिवर्तन है; एक क्रान्ति है; यह एकदम बदल जाना या पूर्ण-परिवर्तन है।


2) पुनर्जीवन एक आत्मिक जीवन है: एक नया जन्म, एक नई सृष्टि है। सृष्टि के आरम्भ से ही "अपनी अपनी जाति के अनुसार" ही उत्पत्ति होती रही है-पापी, पापी को उत्पन्न करता है। हम पुराने स्वभाव को परिवर्तित नहीं कर सकते या उसे सुधार नहीं सकते, या उसमें दोबारा जान नहीं डाल सकते, परन्तु हमें नए जन्म की आवश्यकता होती है, हमें एक भिन्न "किस्म" प्रदान किए जाने की आवश्यकता है-परमेश्वर का पवित्र स्वभाव।


2 कुरिन्थियों 5:17, "सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो वे सब नई हो गईं।" इफिसियों 2:1, "और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।" मृत्यु से जीवन में एक परिवर्तन; यह सुधार नहीं है-यह आत्मिक पुनरुत्थान है। हम प्रथम बार शारीरिक रूप से जन्मे थे, और दूसरा जन्म आत्मिक जन्म है।


4. नये जन्म में प्रयुक्त होने वाले साधन

1) परमेश्वर का वचनः याकूब 1:18, "उसने अपनी ही इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया।" 1 पतरस 1:23, "क्योंकि तुमने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।


आज आधुनिक प्रचार के द्वारा बहुत कम संख्या में लोग नया जीवन प्राप्त करते हैं इसका एक कारण यह है कि आधुनिक उपदेशों में परमेश्वर का वचन पर्याप्त मात्रा में नहीं होता। गलातियों 3:2, "तुमने आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से, या विश्वास के समाचार से पाया?"


परमेश्वर का वचन सुनने से उत्पन्न विश्वास द्वारा ही किसी आत्मा का उद्धार होता है।


2) परमेश्वर का आत्मा-पवित्र आत्माः यूहन्ना 3:5, "जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।"


यूहन्ना 3:6, "क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है।" आत्मिक जीवन का जन्मदाता पवित्र आत्मा है।


यूहन्ना 3:8, "जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।" पवित्र आत्मा की सेवकाई का प्रथम कार्य पापी को कायल करना है और तब उसका हृदय-परिवर्तन करना है-उसको परमेश्वर के राज्य में लाने का वास्तविक कार्य करना।


5. नये जन्म की विधि


1) ईश्वरीय पक्षः यूहन्ना 1:13, "वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए है।" हमें परमेश्वर की इच्छा से उत्पन्न किया गया-याकूब 1:18, ऊपर धारा 4 में उद्धृत । पुनर्जीवन परमेश्वर का एक सृजानात्मक कार्य है-यह मनुष्य द्वारा किया गया सुधार नहीं है।


2) मानवीय पक्षः यूहन्ना 1:12, "परन्तु जितनों ने उसे गहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।" मनुष्य का कार्य यीशु ख्रीष्ट पर विश्वास करना और उसे अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता करके ग्रहण करना है।


1 कुरिन्थियों 4:15, "इसलिए कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा मैं तुम्हारा पिता हुआ।" सुसमाचार परमेश्वर की शक्ति है (रोमियों 1: 16), अर्थात् वह मनुष्यों के जीवनों को बदलने में सक्षम है। नया जन्म पाने के लिए सुसमाचार, परमेश्वर का वचन, पर विश्वास करना और उसको ग्रहण करना। 1 पतरस 1:25, "प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहेगा और यह वही सुसमाचार का वचन है, जो तुम्हें सुनाया गया था।"


पुनर्जीवन का जनक परमेश्वर है; पुनर्जीवन का द्वार मसीह है; पुनर्जीवन को कार्य रूप देने वाला पवित्र आत्मा है; पुनर्जीवन का माध्यम परमेश्वर के वचन पर विश्वास के द्वारा मसीह को ग्रहण करना है।


6. नये जन्म का प्रमाण


1) नया जन्म प्राप्त व्यक्ति एक धार्मिक जीवन व्यतीत करता है। 1 यूहन्ना 2:29, "यदि तुम जानते हो, कि वह धार्मिक है, तो यह भी जानते हो, कि जो कोई धर्म का काम करता है, वह उससे जन्मा है।"


2) नया जन्म प्राप्त व्यक्ति पापी जीवन नहीं व्यतीत करता। 1 यूहन्ना 3:9, "जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह पाप नहीं करता," हमारे अन्दर परमेश्वर का नया स्वभाव पाप नहीं कर सकता। 1 यूहन्ना 5:18, "हम जानते हैं, कि जो कोई परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता।"


3) नया जन्म प्राप्त व्यक्ति प्रेम की परमेश्वर की आज्ञा का पालन करेगा; लूका 10:27 | 1 यूहन्ना 4:7, "और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।


4) नया जन्म प्राप्त व्यक्ति विजयी जीवन व्यतीत करता है। 1 यूहन्ना 5:4, "क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह संसार पर जय प्राप्त करता है।"


5) नया जन्म प्राप्त व्यक्ति विश्वास करता है कि यीशु ही मसीह है। 1 यूहन्ना 5:1, "जिसका यह विश्वास है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है।"


7. नए जीवन के परिणाम


हृदय बदल जाता है; पाप से घृणा हो जाती है; मसीह से प्रेम हो जाता है; जीवन बदल जाता है। नई और पवित्र अभिलाषाएं जीवित जल के श्रोत के समान उमड़ने लगती है; यूहन्ना 4:14। नया जीवन दूसरों के प्रति प्रेम और भले कार्यों के लिए छलकने लगता है। यूहन्ना 7:38, "जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी।"


सारांश


नया जन्म पवित्र आत्मा का सर्वोच्च कार्य है, क्योंकि, आत्मा जिधर चाहे उधर कहता है।" नया जन्म एक गुप्त कार्य है, क्योंकि, "मनुष्य नहीं जानता" यूहन्ना 3:8, परन्तु बाद में प्रमाण स्वयं ही अनेक रूपों में संगी-साथियों पर अपना प्रकटीकरण कर देते हैं।


प्रार्थना कीजिए कि हम में से प्रत्येक प्रतिदिन अपने जीवन में इन प्रमाणों को प्रकट करें।


पुनर्विचार के लिए प्रश्न


1. पुनर्जीवन की परिभाषा दीजिए।


2. यूहन्ना 3:3 में दिए गए नियम के तीन सम्भावित विकल्प बताइए। 3. बपतिस्मा और नए जन्म में क्या अन्तर है?


4. 2 कुरिन्थियों 5:17 को यूहन्ना 3:3 के प्रकाश में स्पष्ट कीजिए। 5. पवित्रशास्त्र के चार पद उद्धृत कीजिए (प्रत्येक के लिए दो) जो यह स्पष्ट कर दें कि पुनर्जीवन में दो कर्ता सदा कार्यरत रहते हैं।


6. यूहन्ना 1:12,13 में नए जन्म के दोनों पक्ष स्पष्ट कीजिए।


7. परिवर्तित जीवन के पाँच प्रमाण प्रस्तुत कीजिए।


8. पुनर्जीवन के पाँच परिणाम बताइए।


9. यूहन्ना 3:8 में यीशु ने नए जन्म को समझाने के लिए वायू को एक उदाहरण के रूप में क्यों प्रयोग किया?


10. एक कागज पर 50-100 शब्दों का एक अनुच्छेद, यूहन्ना 3:3 पर लिखिए।