निर्धनों के लिए परमेश्वर की चिन्ता - God Concern For The Poor


सताये हुए और जरूरतमंद लोग परमेश्वर की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। क्या आप जरूरतमंद की देखभाल करते तथा सताये हुओं के प्रति दया दिखाते हो? क्या दूसरों के प्रति आपका हृदय तरस से भरा है? परमेश्वर का वचन इस विषय पर बहुत कुछ कहता है, निम्न वचनों को पुनः देखिये तथा दूसरों के प्रति तरस दिखाने में परमेश्वर के साथ हो जायें।

वचन 

व्यवस्थाविवरण 15:11
तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएंगे, इसलिये मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला करके अवश्य दान देना॥

भजन संहिता 72:4
वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा, और दरिद्र लोगों को बचाएगा; और अन्धेर करने वालों को चूर करेगा॥

अय्यूब 30:25
क्या मैं उसके लिये रोता नहीं था, जिसके दुदिर्न आते थे? और क्या दरिद्र जन के कारण मैं प्राण में दुखित न होता था?

1 यूहन्ना 3:17
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?

भजन संहिता 109:31
क्योंकि वह दरिद्र की दाहिनी ओर खड़ा रहेगा, कि उसको  घात करने वाले न्यायियों से बचाए॥

कुलुस्सियों 3:12
इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।


प्रार्थना 

हे प्रभु, तू मेरे पास आया जब मैं सताया हुआ और आत्मिक रूप से अंधा था। तूने मेरी चिन्ता की ओर मुझे छुड़ाया। तेरे तरस ने मुझे बचा लिया। तेरा वचन कहता है, "तू दरिद्र के दाहिनी ओर रहता है उसके प्राण का न्याय करने वालों से उसे बचाता है। प्रभु मैं तेरे साथ दरिद्रों के कारण खड़ा होना चाहता हूँ , मैने बहाना बनाया उनकी आवश्यकताओं को महसूस नहीं किया, प्रभु, कृपया मुझे क्षमा कर मुझे तेरे तरस भरे हृदय का बपतिस्मा दे, कि इस संसार के त्यागे हुओं पर मैं भी तरस खाऊं। आज मैं जो कुछ हूँ, जो कुछ मेरे पास है सब तेरे प्रेम के कारण है यह सब तेरा है प्रभु मुझे दिखा दे कि किसी पर आज मैं तेरे सफल प्रेम के द्वारा तरस खाऊं। ( इस प्रार्थना को यीशु मसीह के नाम से मांगते हैं, आमीन )