पवित्रात्मा की सामर्थ्य - बीसवाँ दिन - Power of the Holy Spirit - Day 20




यीशु ने अपने शिष्यों की सहायता व सांत्वना के लिए पवित्रात्मा दिया। उसके मार्ग दर्शन पर पूर्ण भरोसा तथा बल आपकी महानतम आवश्यकताओं में से एक है, पवित्रात्मा बिना आपकी प्रार्थना नीरस तथा जीवन विहीन होगी, पवित्रातमा कई तरह से मदद करता है। उसे ग्रहण करें आपको हर हाल में पवित्रात्मा की आवश्यकता है।

आइए परमेश्वर का वचन देखते 

रोमियो 8:26
इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।

जकर्याह 4:6
न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

प्रेरितों के काम 1:8
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।

प्रेरितों के काम 10:38
कि परमेश्वर ने किस रीति से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ से अभिषेक किया: वह भलाई करता, और सब को जो शैतान के सताए हुए थे, अच्छा करता फिरा; क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।

लूका 11:13
सो जब तुम बुरे होकर अपने लड़के-बालों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा॥

यूहन्ना 14:26
परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।

आइए हम प्रार्थना करते हैं:

हे पिता, मैं तेरी पवित्रात्मा से भरना चाहता हूँ, ताकि जो लोग मेरे चारों ओर हैं उन्हें मैं तेरे प्रेम व सच्चाई के साथ स्पर्श करूं मैं अपनी आवश्यकता अंगीकार करता हूँ तथा तेरी आत्मा द्वारा प्रेम व सामर्थ्य की भरपूरी के लिए जगह बनाता हूँ, कृपया मुझे माफ कर कि कई बार मैंने तेरे आत्मा को अपने जीवन में उचित स्थान नहीं दिया तेरी पवित्रात्मा बिना मेरा जीवन सामर्थ्य विहीन है, तेरा वचन कहता है कि यदि मैं मागू तो तू मुझे और अधिक पवित्रात्मा देगा। मैं अपनी आवश्यकता को अंगीकार करता हूँ तथा अब तेरे सम्मुख आता हूँ और तेरी सामर्थ्य और प्रेम से भरना चाहता हूँ, हे पिता मुझे अपनी पवित्रात्मा से भर दे। इस कीमती दान के लिए मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, मैं प्रार्थना करता हूँ कि मेरे हृदय की चौकसी कर कहीं मैं पवित्रात्मा को शोकित न करूं। मैं मांगता हूँ कि तू मेरा प्रार्थना सहयोगी बन जा तथा अपनी ईश्वरीय उपस्थिति द्वारा परम पवित्र स्थानों में मेरी अगुवाई कर। इस प्रार्थना को यीशु मसीह के नाम से मांगते हैं, आमीन