परिचय
इस पाठ से हम पवित्र आत्मा के विषय में अपना अध्ययन आरम्भ करते हैं, कि ईश्वरत्व का तीसरा व्यक्ति है। विश्वासियों में वास करने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए पवित्र आत्मा को पिता और पुत्र ने भेजा।
बहुत से लोग ऐसा कहते हैं कि वे पवित्र आत्मा में विश्वास रखते हैं, परन्तु वास्तव में वे परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र में विश्वास रखते हैं और पवित्र आत्मा को एक सेवक या सन्देश ले जाने वाले लड़के के समान मानते हैं।
यह असत्य है क्योंकि पवित्र आत्मा उनके बराबर है और किसी भी रूप में अन्य दोनों से कम नहीं है। कुछ लोग पवित्र आत्मा का महत्व कम करके उसे विद्युत के समान एक निर्जीव शक्ति मानते हैं, जो बहुत अधिक शक्तिशाली तो है, परन्तु एक जीवित व्यक्ति नहीं है और परमेश्वर से बहुत छोटा है।
इस अध्याय में हम उसके व्यक्तित्व को प्रमाणित करने का प्रयास कर रहे हैं, और अगले अध्याय में उसके ईश्वरत्व पर प्रकाश डालेंगे। हमारा विश्वास है कि पवित्र आत्मा एक जीवित व्यक्ति है, और उस तक पहुँचा जा सकता है या उससे बचा जा सकता है, उस पर विश्वास या सन्देह किया जा सकता है, उससे प्रेम या घृणा की जा सकती है या उस पर श्रद्धा रखी जा सकती है या उसका अपमान किया जा सकता है।
1. इस सिद्धान्त का महत्व
क) यदि वह एक जीवित व्यक्ति, पवित्र परमेश्वर, और पिता और पुत्र के समान है तो उसकी भी वैसी ही आराधना की जानी चाहिए जैसी उनकी की जाती है।
सैद्धान्तिक रूप से ऐसा महिमा-गान या मंगल गान के अवसर पर किया जाता है। आशीर्वाद और बपतिस्में में उसका नाम पिता और पुत्र से सम्बद्ध किया जाता है।
ख) यदि वह मात्र एक प्रभाव या शक्ति है तो हम उसके लिए यह (it) (जड़ पदार्थ के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द) प्रयोग करेंगे, जो कि मूर्तिपूजकों की धारणा है और भूल की ओर अग्रसर करती है।
यदि वह एक व्यक्ति है तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम उसके लिए उपयुक्त पुरुष-वाचक सर्वनामों का प्रयोग करें।
ग) यदि वह एक व्यक्ति है, तो हमारा व्यक्तिगत और आत्मीय रूप से उनके साथ सम्बन्ध होना चाहिए।
Vishwasi Tv में आपका स्वागत है
Rad More: ज्यादा बाइबल अध्ययन के लिए क्लिक करें:
2. बाइबल पवित्र आत्मा के सन्दर्भ में व्यक्तिगत सर्वनामों का प्रयोग करती है
यूहन्ना 15:26 "परन्तु जब वह सहायक आएगा तो वह मेरी गवाही देगा।" यूहन्ना 16:8, "वह आकर संसार को पाप और धार्मिकता और न्याय के विषय में निरुत्तर करेगा।"
यूहन्ना 16:13, “परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा।" यूहन्ना 16:14, "वह मेरी महिमा करेगा, क्योंकि वह मेरी बातों में से लेकर तुम्हें बताएगा।"
यूनानी भाषा में 'आत्मा' के लिए सामान्यतः नपुंसक-वाचक सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है। यूनानी भाषा के नए नियम के विद्यार्थी पवित्र आत्मा के लिए पुरुष वाचक सर्वनामों के ऐसे चुनाव देखकर भौचक्के रह जाते हैं।
इस परिच्छेद में, यूहन्ना 16:7,8,13-15 में यूनानी पुरुष वाचक सर्वनाम "वह" का पवित्र आत्मा के लिए बारह बार प्रयोग किया गया है। इसका उल्लेखनीय अपवाद रोमियों 8:16 है जहाँ अंग्रेजी भाषा में पवित्र आत्मा के लिए जड़ पदार्थ के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द (Itself) प्रयोग किया गया है जो एक दुर्भाग्यपूर्ण अनुवाद सम्बन्धी भूल थी और अब सुधार दी गई है।
यही भूल रोमियों 8:26 में भी दोहराई गई थी परन्तु अब संशोधित संस्करणों में (Itself) के स्थान पर ( Himself) शब्द प्रयोग किया गया है। (हिन्दी अनुवाद में ऐसी भूल नहीं है)।
3. पवित्र आत्मा एक व्यक्ति है क्योंकि उसमें कुछ विशेषताएं विद्यमान हैं
क) इच्छा शक्ति: 1 कुरिन्थियों 12:11, "ये सब प्रभावशाली कार्य वही आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है। " पवित्र आत्मा निर्णय करता है।
ख) बुद्धिः नहेम्याह 9:20, "तूने उन्हें समझने के लिए अपने आत्मा को, जो भला है, दिया।" एक प्रभाव या शक्ति में सिखाने के लिए बुद्धि नहीं होती।
रोमियों 8:27, “मनों का जांचने वाला जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है, क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुसार विनती करता है।" वह जांचता है और उसमें जानने की योग्यता है।
ग) ज्ञानः 1 कुरिन्थियों 2:10-12, “मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा जो उसमें है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता केवल परमेश्वर का आत्मा।" पवित्र आत्मा में ज्ञान है, वह बातों को जानता है।
घ) शक्तिः प्रेरितों के काम 1:8 "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होंगे उसने शक्तिशाली रूप में पतरस को बदल दिया।
च) प्रेम करने की क्षमता: रोमियों 15:30, "पवित्र आत्मा के प्रेम।"
छ) शोकाकुल होने की क्षमताः इफिसियों 4:30 "परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो।" पवित्र आत्मा एक व्यक्ति है क्योंकि वह सोच-विचार और अनुभव करता, लक्ष्य निर्धारित करता, जानता, इच्छा करता, प्रेम करता और शोकित होता है। आत्मा निश्चय ही मात्र एक प्रभाव नहीं है क्योंकि उसमें बुद्धि की योग्यताएं और भावनाएं विद्यमान हैं जो किसी भी निर्जीव शक्ति में नहीं पाई जाती है। आइए आत्मा से न कभी छिपे न संदेह या घृणा करें और न ही उसका अपमान करें। आइए निरन्तर विश्वाम, प्रेम और स्तुति के साथ उसके पास जाएं।
4. पवित्र आत्मा ऐसे काम करता है जो केवल एक व्यक्ति ही कर सकता है
क) पवित्र आत्मा परमेश्वर की गहरी बातों को जांचता है। 1 कुरिन्थियों 2:10, “क्योंकि आत्मा सब बातें, वरन परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जांचता है।" यहाँ तक कि आधुनिक "IBM" मशीन भी इस काम को नहीं कर सकती है।
ख) पवित्र आत्मा बोल सकता है: प्रकाशितवाक्य 2:7, “जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।"
ग) पवित्र आत्मा पुकार सकता है: गलातियों 4:6, "और तुम जो पुत्र हो, इसलिए परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्बा, हे पिता, कह कर पुकारता है हमारे हृदय में भेजा है। घ) पवित्र आत्मा विनती करता है (Intercedes ): रोमियों 8:26, आत्मा आप ही ऐसी आहें भर-भर कर जो बयान से बाहर है, हमारे लिए विनती करता है।"
च) पवित्र आत्मा गवाही देता है: यूहन्ना 15:26, "जब वह सहायक आएगा, तो वह मेरी गवाही देगा।"
छ) पवित्र आत्मा शिक्षा देता है: यूहन्ना 14:26, "परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा।" इस योग्यता का उल्लेख यूहन्ना 16:12-14 और नहेम्याह 9:20 में भी पाया जाता है।
ज) पवित्र आत्मा निर्देश देता और मार्गदर्शन करता है: रोमियों 8:14, “जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र है।" क्या मैं व्यक्तिगत रूप से इस मार्ग-दर्शन से परिचित हूँ?
झ) पवित्र आत्मा आदेश देता है: प्रेरितों के काम 16:6,7 "और पवित्र आत्मा ने उन्हें एशिया में वचन सुनाने से मना किया यीशु के आत्मा ने उन्हें जाने न दिया।"
ट) पवित्र आत्मा लोगों को कार्य के लिए बुलाता है और उनको कार्य सौंपता है: प्रेरितों के काम 13:2, "पवित्र आत्मा ने कहा, मेरे निमित्त बरनबास और शाऊल को उस काम के लिए अलग करो, जिसके लिए मैंने उन्हें बुलाया है।" प्रेरितों के काम 20:28 को भी देखिए, " जिसमें पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है।"
ठ) पवित्र आत्मा उस उद्देश्य को पूरा करता है जिसके लिए उसे भेजा गया है: यूहन्ना 15:26, “जिसे मैं तुम्हारे पास पिता की ओर से भेजूंगा, अर्थात् सत्य का आत्मा, जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाही देगा।"
5. पवित्र आत्मा के लिए एक निर्धारित कार्य-भार निश्चित है
वह अधिकृत सहायक है: यूहन्ना 14:16, "वह तुम्हें एक और सहायक देगा।" यहाँ पर यूनानी शब्द "Parakletos" प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ, "बगल में एक" है। वह एक व्यक्तिगत संगी है। एक व्यक्ति होने के नाते वह हमारा मार्गदर्शन करने और हमें सान्त्वना देने के लिए उत्तम मित्र बन जाता है।
इसमें उसने सुझाव दिया है कि इस सिद्धान्त का उपयोग अत्यधिक व्यावहारिक है।
1) यह अन्धकार के असाधारण भय का इलाज है। पवित्र आत्मा संग है।
2) यह अनिद्रा का इलाज है। पवित्र आत्मा की सहभागिता का प्रयास कीजिए और आपको नींद आ जाएगी; 2 कुरिन्थियों 13:14, "और पवित्र आत्मा की सहभागिता।"
3) यह एकाकीपन का इलाज है। पवित्र आत्मा के साथ अपनी मित्रता को विकसित कीजिए।
4) यह टूटे हुए हृदय का इलाज है। अपने हृदय के रिक्त और पीड़ित स्थान पर पवित्र आत्मा को स्थापित होने दीजिए।
5 ) असहाय अवस्था का यह एक अचूक इलाज है, और शक्ति के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन है।
6 ) यह शिक्षा और प्रचार के लिए प्रेरणा श्रोत है। पवित्र आत्मा मार्गदर्शन के लिए मेरे संग है।
7 ) व्यक्तिगत कार्यों में पवित्र आत्मा की उपस्थिति हमारा अधिकार है - जीवते पवित्र आत्मा ने मुझे ऐसा निर्देश दिया है।
6. पवित्र आत्मा में भावनाएं हैं
1) उसे शोकित किया जा सकता है यशायाह 63:10, "उन्होंने बलवा किया और उसके पवित्र आत्मा को खेदित किया।"
2 ) पवित्र आत्मा को अपमानित किया जा सकता है: इब्रानियों 10:29 "और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया है।"
3) पवित्र आत्मा से झूठ बोला जा सकता है: प्रेरितों के काम 5:3 “शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली है कि तू पवित्र आत्म से झूठ बोले।
4) उसकी निन्दा की जा सकती है: मत्ती 12:31,32 "पर पवित्र आत्मा की निन्दा क्षमा न की जाएगी।"
7. पवित्र आत्मा एक व्यक्ति है
हम विश्वास करते हैं कि पवित्र आत्मा एक व्यक्ति है क्योंकि उसमें बुद्धि, भावना, इच्छा, ज्ञान और क्रिया के सभी आवश्यक गुण विद्यमान है। हमें पवित्र आत्मा के लिए जड़ पदार्थों के लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वनामों का प्रयोग करके उसका अपमान नहीं करना चाहिए, वरन सदा उसका सम्मान करना चाहिए।
सारांश
काश कि जीवते व्यक्ति, पवित्र आत्मा से हमारी संगति अधिक बढ़ती चली जाए।
प्रार्थना: "प्रभु मुझे पवित्र आत्मा की सहभागिता की अधिक शिक्षा दे। आइए पवित्र आत्मा को अपना संगी बनाए, अपना साझेदार और साथी बनाए, जिससे क्षण-प्रतिक्षण हमारी घनिष्ठता बढ़ती चली जाए।
पुनर्विचार के लिए प्रश्न:
1. पवित्र आत्मा के विषय में लोगों की जो दो गलत धारणाएं हैं, उनको बताइए।
2. तीन कारण बताइए कि यह विषय क्यों महत्वपूर्ण है?
3. तीनं परिच्छेद बताइए जहाँ बाइबल में पवित्र आत्मा के लिए व्यक्तिगत सर्वनामों का प्रयोग किया गया है।
4. बाइबल के वे दो पद बताइए जहाँ इस सर्वनाम का गलत अनुवाद किया गया है (K.J.V.)।
5. यूनानी शब्द "Parakletos" का क्या अर्थ है।
6. व्यक्ति की कौन सी छ: विशेषताएं पवित्र आत्मा में विद्यमान है?
7. दस कार्य बताइए जो पवित्र आत्मा करता है, और जिनके द्वारा प्रमाणित कर देता है कि वह एक व्यक्ति है।
8. पवित्र आत्मा का कार्य भार क्या है?
9. "Parakletos" के सात व्यावहारिक प्रयोग बताइए।
10. पवित्र आत्मा के चार भावनात्मक गुण बताइए।

0 टिप्पणियाँ