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परमेश्वर के वचन सामर्थ्य - उन्नीसवाँ दिन - God Word Power - Day Nineteen

परमेश्वर के वचन के समान अन्य कोई चीज नहीं है, वचन द्वारा ही संसार अस्तित्व में आया। उसके वचन से ही बीमार चंगे होते तथा मुर्दे पुनः जीवन पाते हैं, आप भी परमेश्वर के वचन में पक्का विश्वास प्राप्त कर सकते हैं, वचन कहता है, "घास सूख जाती है, फूल झड़ जाता है, परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदा स्थिर रहता है।" आप भी परमेश्वर के वचन का सम्मान आज्ञाकारित, व विश्वास के द्वारा कर सकते हैं साथ ही अनन्तकाल तक उसके नाम के द्वारा एक फर्क ला सकते हैं।


आइए परमेश्वर का वचन देखते 

इब्रानियों 4:12
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है।

व्यवस्थाविवरण 32:47
क्योंकि यह तुम्हारे लिये व्यर्थ काम नहीं, परन्तु तुम्हारा जीवन ही है॥

यहोशू 23:14
तुम सब अपने अपने हृदय और मन में जानते हो, कि जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं।

भजन संहिता 105:8
वह अपनी वाचा को सदा स्मरण रखता आया है, यह वही वचन है जो उसने हजार पीढ़ीयों के लिये ठहराया है;

भजन संहिता 119:11
मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं।

भजन संहिता 119:89
हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।

यूहन्ना 8:31
यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।

आइए हम प्रार्थना करते हैं:

हे परमेश्वर तेरा वचन भय योग्य है, इसके द्वारा तूने ग्रहों को चलायमान किया है तथा तारों को नाम लेकर बुलाता है। अपना वचन हमें देने के लिए आपका धन्यवाद हो प्रभु मुझे क्षमा कर कि कई बार मैंने ऐसी-ऐसी कीमती कोष की अवहेलना की है, वास्तव में तेरा वचन मुझे जीवन देता है। मैं अपने आपको तेरे वचन के अधिकार में सौंप देता हूँ। मुझे दर्शा दे कहाँ मेरा जीवन तेरे सीधे मार्ग से भटक गया है, तथा सकेत फाटक से प्रवेश होने के लिए मुझे अनुग्रह दे, मैं ऐसा चेला बनना चाहता हूँ जो तेरे चेहरे पर मुस्कान लाए। तेरे वचन को अपने हृदय में छिपाने के लिए मेरी सहायता कर कि मैं तेरे विरूद्ध पाप न करूं। मैं चाहता हूँ कि तेरे वचन की सच्चाई मेरे मुंह में रहे ताकि मैं अपने होठों से तेरा सम्मान कर सकूं "जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूँ।" भजन 119:162 ( इस प्रार्थना को यीशु मसीह के नाम से मांगते हैं, आमीन )