यीशु मसीह का न्याय आसन
भूमिका
इब्रानियों 9:27, "और जैसे मनुष्यों के लिए एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है।" 2 कुरिन्थियों 5:10, "क्योंकि अवश्य है कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के सामने खुल जाए।'
जैसे कि एक से अधिक पुनरुत्थान है, वैसे ही एक से अधिक न्याय भी है। चूंकि आदम ने पाप किया इसलिए सभी मरते हैं। चूंकि मसीह जी उठा, सभी का न्याय के लिए जी उठना आवश्यक है। परमेश्वर ने समस्त पृथ्वी का न्याय करने के लिए अपने पुत्र यीशु ख्रीष्ट को नियुक्त किया है। ,
बाइबल कम से कम सात विभिन्न न्यायों के विषय में बताती है:
1) उद्धारकर्ता का क्रूस पर हमारे पापों के लिए न्याय हुआ है।
2) विश्वासियों का अपने प्रति स्वयं-न्याय । 1 कुरिन्थियों 11:31, “यदि हम अपने आप को जांचते, तो दण्ड न पाते।" प्रभु भोज के अवसर पर और प्रतिदिन सन्त स्वयं अपने को जांचता है।
3) मसीह के न्याय आसन के अवसर पर विश्वासियों का न्याय - इस अध्याय का विषया
4) जातियों का न्याय, मत्ती 25:32 (भेड़ और बकरियों का विभाजन)।
5) इस्राएल का न्याय, यहेजकेल 20: 30-44, महाक्लेश के बाद (Post- tribulation)।
6) स्वर्ग दूतों का न्याय, यहूदा 6। उनको न्याय के लिए अन्धकार में सदाकाल के लिए बन्धनों में रखा गया है।
7) दुष्ट मृतकों का न्याय, प्रकाशितवाक्य 20:12 महान श्वेत सिंहासन के सन्मुख न्याय।
1. न्याय की परिभाषा - न्याय आसन
2 कुरिन्थियों 5:10 में इसको "मसीह का न्याय आसन" कहा गया है। साधारणतः स्वीकार किया जाता है कि यह न्याय हवा में सम्पन्न होगा। सम्भवतः यह तथ्य 1 थिस्सलुनीकियों 4:13:17 से लिया गया है, जिसमें मसीह के दूसरे आगमन और प्रथम पुनरुत्थान का विवरण दिया गया है और फिर कहा गया है, "हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।"
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2. न्याय का समय-न्याय आसन
1) प्रथम पुनरुत्थान के समय। लूका 14:14, "परन्तु तुझे धर्मियों के जी उठने पर इसका प्रतिफल मिलेगा। "
2) मसीह के दूसरे आगमन पर मत्ती 16:27, "मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा। "
3. न्याय के अवसर पर (At the Bema) किसका न्याय होगा?
इस न्याय में केवल विश्वासियों का ही न्याय किया जायेगा। 2 कुरिन्थियों 5 अध्याय में सर्वनाम "हम" का 26 बार प्रयोग किया गया है और प्रत्येक बार यह विश्वासियों के ही सन्दर्भ में कहा गया है।
4. इस न्याय के अवसर पर किस बात का न्याय किया जाएगा?
यह न्याय मुकदमा नहीं है जिसमें कि उद्धार प्राप्त या उद्धार न प्राप्त हुए लोगों के भविष्य का निर्णय किया जाए। बाइबल इस विषय पर सुस्पष्ट है, यूहन्ना 3:16-18, इसमें उद्धार विचार-वस्तु नहीं है, इसका तो जीवन काल में ही निर्णय हो गया है। विश्वासी का न्याय उसके अपने कार्यों के लिए किया जा रहा है। वापिस आने वाला स्वामी अपने सेवकों से उन एक दो या पाँच तोड़ों का लेखा ले रहा है जो उसने जाते समय उनको सौंपे थे।
जो पाप हृदय परिवर्तन से पहले किए गए उनका लेखा नहीं लिया जाएगा। इब्रानियों 10:17, "मैं उनके पापों को और उनके अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण न करूँगा।" पापियों का न्याय करने के लिए परमेश्वर को ऐसे कामों का स्मरण करना आवश्यक हो जायेगा, उसको उन्हें गहरे समुद्र इत्यादि स्थानों से निकालना होगा।
अगला अध्याय (इब्रानियों 11 ) सन्तों को सिद्ध रूप में देखता है, क्योंकि उनके समस्त पाप और अपूर्णताएं यीशु ख्रीष्ट के लोहू में ढांप दी गई है। हृदय-परिवर्तन के पश्चात विश्वासी ने जो पाप किए और उनका अंगीकार किया, ऐसे पापों का न्याय नहीं किया जाएगा। 1 यहूत्रा 1:9, अंगीकार कर लिए गए पाप सदा के लिए क्षमा और शुद्ध कर दिये गये हैं।
1) हमारे कार्यों का न्याय किया जाएगा: 1 कुरिन्थियों 3:13, "हर एक का काम प्रगट हो जाएगा और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है?" सभोपदेशक 12:14, "क्योंकि परमेश्वर सब कामों और सब गुप्त बातों का, चाहे वे भली हों या बुरी, न्याय करेगा।
2) हमारी बातों का न्याय किया जाएगा: मत्ती 12:36,37, "जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे।"
3) हमारे विचारों का न्याय किया जाएगा: मत्ती 15:19.20, “क्योंकि कुचिन्ता, मन ही से निकलती है। ये ही है जो मनुष्य को अशुद्ध करती है।" मत्ती 5:28, "कुदृष्टि ।”
4) हमारी गुप्त बातों का न्याय किया जाएगाः रोमियों 2:16, “जिस दिन परमेश्वर मेरे सुसमाचार के अनुसार यीशु मसीह के द्वारा मनुष्यों की गुप्त बातों का न्याय करेगा । "
5) हमारे उद्देश्यों का न्याय किया जाएगा।
1) सही मसीह के प्रेम से विवश, 2 कुरिन्थियों 5:14।
2) गलत-आत्म-प्रशंसा, 1 कुरिन्थियों 3:21, "इसलिए मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे।"
5. परमेश्वर न्याय के अवसर पर किस प्रकार न्याय करेगा?
यह जांच अग्नि द्वारा की जाएगी। 1 कुरिन्थियों 3:13, “हर एक का काम प्रकट हो जाएगा: क्योंकि वह दिन उसे बताएगा: इसलिए कि आग के साथ प्रकट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है। “यह न्याय का एक उचित निष्पक्ष सार्वजनिक प्रदर्शन होगा। कोई यह नहीं कह पाएगा कि परमेश्वर ने पक्षपात किया है। गलातियों 6:7,8, "धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा।"
6. इस न्याय के परिणाम क्या होंगे?
जो कार्य रह जाएंगे, उनका प्रतिफल मिलेगा। जो कार्य जल जाएगा वह हानि उठाएगा। 1 कुरिन्थियों 3:15, “यदि किसी का काम जल जाएगा, तो वह हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।"
बाइबल यह नहीं बताती कि यह हानि क्या होगी। यदि प्रतिफल मुकुट है, तो प्रतिफल की हानि या मुकुट से वंचित रह जाना लज्जा का कारण होगा, क्योंकि हमारे पास मुकुट नहीं होगा जिसे हम प्रभु यीशु ख्रीष्ट के चरणों में रख सकें।
निर्माण सामग्री दो प्रकार की है:
1) अग्निसह-सोना, चांदी और बहुमूल्य पत्थर।
2) दहनशील लकड़ी भूसा और ठूंठ।
अग्निसह पदार्थ किन कार्यों को चित्रित करते हैं?
1) धार्मिकता, परमेश्वर की दृष्टि में एक शुद्ध और स्वच्छ जीवन।
2) ईमानदारी, सिर्फ मनुष्य के सन्मुख नहीं वरन परमेश्वर के सन्मुख
3) विश्वास का जीवन, परमेश्वर, यीशु ख्रीष्ट, बाइबल आदि में विश्वास।
4) प्रेम, सच्चा प्रेम, 1 कुरिन्थियों 13 अध्याय का प्रेम, परमेश्वर के प्रति प्रेम और मनुष्य के प्रति प्रेम।
5) धैर्य, 2 पतरस 1:6, एक अति आवश्यक और प्रशंसा योग्य गुण।
6) नम्रता और दीनता, मत्ती 11:28-29, हमारे उद्धारकर्ता के अनुरूप ढली हुई नम्रता और दीनता।
7) शान्तिपूर्ण, मत्ती 5:9; 2 तीमुथियुस 2:22, “मेल-मिलाप का पीछा कर। "
दहनशील पदार्थ किन कार्यों को चित्रित करते हैं?
1) सभी प्रकार के पाप और दुष्टता।
2) छल-कपट और घूस जो कि पृथ्वी पर बहुत सामान्य बात है, इससे प्रभु को अत्यधिक घृणा है।
3) सभी प्रकार की बेईमानी शीघ्र ही जल जाएगी।
4) प्रभाव डाल कर प्राप्त लाभ तुरन्त ही जल कर भस्म हो जाएगी।
5 ) जवानी की अभिलाषाओं की अधीनता, 1 तीमुथियुस 6:9-11; 2 तीमुथियुस 2:22; यूसुफ, उत्पत्ति 39:12 में।
6) बुरे उद्देश्यों से भले काम करना।
7) गर्व सम्भवतः परमेश्वर की दृष्टि में सबसे अधिक निन्दनीय पाप है।
7. मैं इस न्याय का सामना करने के लिए कैसे तैयारी कर सकता हूँ?
अपने प्रभु यीशु ख्रीष्ट की निरन्तर संगति द्वारा। बहुत अधिक आत्म-निरीक्षण द्वारा। निरन्तर अपने पापों का अंगीकार करने के द्वारा (उसी पाप का दुबारा अंगीकार न कीजिए, प्रथम बार ईमानदारी से किए गए अंगीकार के बाद ही परमेश्वर उसे क्षमा कर देता है।)
परमेश्वर के वचन पर मनन करने और निरन्तर प्रार्थना के द्वारा। पवित्र आत्मा की इच्छा पर निरन्तर ध्यान देने के द्वारा।
परमेश्वर और मनुष्य के सन्मुख अपने विवेक को शुद्ध रखने के द्वारा; प्रेरितों के काम 24:16।
सारांश
एक मसीही के लिए मसीह का न्याय आसन (The Bema) भय का कारण नहीं होना चाहिए, क्योंकि उसके लिए यह एक ऐसा उत्तम दिन है जो कि पहले कभी नहीं आया था। यह उसके लिए मुकुट धारण करने का दिन होगा।
1 कुरिन्थियों 4:5, "तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी।" हमारे अधिकांश कार्य जल सकते हैं, परन्तु परमेश्वर कम से कम एक प्रशंसा के योग्य बात अवश्य पाएगा।
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