बपतिस्मा

भूमिका

   बपतिस्मा एक विवादास्पद विषय है, परन्तु फिर भी इसकी शिक्षा देना अत्यन्त आवश्यक है।

   प्रेरितों के काम 8:26-40, फिलिप्पुस ने खोजे को हृदय परिवर्तन के परे परमेश्वर के वचन की गहरी सच्चाइयों की शिक्षा दी। तब खोजा चिल्ला उठा था, "देख यहाँ जल है।"

   हम आत्माओं को मसीह के निकट ला कर उचित कार्य करते हैं, परन्तु हमें उनको उद्धार की निश्चयता की भी शिक्षा देनी चाहिए प्रेरितों के काम 8:39 बपतिस्मा नए नियम का सिद्धान्त है, परन्तु शब्द "बपतिस्मा ” 1 कुरिन्थियों 10:2 में पाया जाता है और इसको इस्राएलियों के संदर्भ में कहा गया है जब कि वे बादल की छाया तले लाल सागर को पार कर रहे थे। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला, मसीह का अग्रदूत, प्रचार करता और बपतिस्मा देता आया।

   यूहन्ना का संदेश यह था, मरकुस 1:4, "यूहन्ना जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिए मन- फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था।" यूहन्ना का बपतिस्मा उसकी अपनी नवीन प्रक्रिया नहीं थी, परन्तु यह स्वर्ग की ओर से था, मरकुस 11:30

   भीड़ की भीड़ यूहन्ना से बपतिस्मा लेने आती थी, लूका 3:7  बुद्धिजीवी वर्ग ने यूहन्ना के बपतिस्मे को अस्वीकार कर दिया और इसके फलस्वरूप आत्मिक कष्ट सहन किया।

   लूका 7:30, "फरीसियों और व्यवस्थापकों ने उससे बपतिस्मा न ले कर परमेश्वर की मनसा को अपने विषय में टाल दिया। "

   यूहन्ना ने केवल उन्हीं लोगों को बपतिस्मा दिया, जो मन फिराव के योग्य फल लाए; लूका 3:8

लूका 3:8-14 आवश्यक फलों की सूची है: परोपकारिता, दयालुता, प्रेम, उदारता, ईमानदारी, न्याय, सत्यनिष्ठा, दीनता, शान्तभाव, संयम, सन्तोष । इस सूची और गलातियों 5:22,23 में दिये गए आत्मा के फल की सूची में आश्चर्यजनक समानता है।

1. बपतिस्मा का अर्थ

   बपतिस्मा का अर्थ पुनर्जीवन या पापों की क्षमा नहीं है। देखिए अध्याय 27 बपतिस्मा एक घटना की वास्तविकता को व्यक्त करता है जो कि पहले ही घट चुकी होती है।

   बपतिस्मा आन्तरिक वास्तविकता का बाहरी चिह्न है- एक यथार्थ हृदय परिवर्तन का प्रतीक है।

1) इसका अर्थ मसीह की आज्ञा के प्रति आज्ञाकारिता है, मरकुस 16:16, " जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा।" यहाँ पर ध्यान दीजिए कि विश्वास बपतिस्में से पहले आता है।

2) इसका अर्थ मसीह के आदर्श का अनुसरण करना है। 1 पतरस 2:21 “क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिए दुःख उठा कर तुम्हें एक आदर्श दे गया है कि तुम भी उसके चिह्न पर चलो।" यूहन्ना 13:15 भी देखिए ।

3) इसका अर्थ सारी धार्मिकता को पूरा करना है। मत्ती 3:15, 'अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।" यदि यीशु को इसकी आवश्यकता थी, तो निश्चय ही मुझे भी है।

4) इसका अर्थ मृत्यु द्वारा पाप से अलगाव है। कुलुस्सियों 3:3, "क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है। " गलातियों 6:14 भी देखिए ।

5) इसका अर्थ मसीह के साथ समानता है; रोमियों 6:4-13

क) उसकी मृत्यु की समानता में रोमियों 6:5, "हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं।"

ख) उसके गाड़े जाने की समानता में। रोमियों 6:4, "उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए।"

ग) उसके पुनरुत्थान की समानता में रोमियों 6:4, "जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।

6) इसका अर्थ मसीह की देह के साथ साझेदारी है। 1 कुरिन्थियों 12:13, "एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिए बपतिस्मा लिया।" एक देह, कलीसिया, दृश्य और अदृश्य।

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2. कौन बपतिस्मा ले सकता है?

   यूहन्ना ने केवल उन लोगों को बपतिस्मा दिया जिन्होंने कुछ मानदण्ड पूरे किए।

1) जिन्होंने सुसमाचार को सुना और उस पर विश्वास किया; मरकुस 16:16

2) जिनकी आँखें खुली हुई है। प्रेरितों के काम 9:18, "और तुरन्त उसकी आँखों से छिलके से गिरे, और वह देखने लगा, और उठ कर बपतिस्मा लिया।" (पौलुस)

3) जिन्होंने पश्चात्ताप किया। प्रेरितों के काम 2:38, "मन फिराओ और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। "पश्चात्ताप दोहरा होता है, पाप से विमुख होना और परमेश्वर की सेवा के लिए उसकी ओर फिरना।

4) जो लोग मन फिराव के योग्य फल लाए। लूका 3:8 तथा मत्ती 3:8

5) वे जिन्होंने पवित्र आत्मा पाया। प्रेरितों के काम 10:47, "क्या कोई जल की रोक कर सकता है, कि ये बपतिस्मा न पाएं जिन्होंने हमारी नाई पवित्र आत्मा पाया है?"

6) वे लोग जिनको परमेश्वर के वचन की शिक्षा दी गई। मत्ती 28:19,20, "तुम जाकर सब जातियों के लोगों को बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।" इसमें नए नियम की शिक्षा निहित है।

7) वे लोग जो मर गए, गाड़े गए और पुनरुत्थान की भूमि पर जीवित है। यह रोमियों 6:1-13 की आधारभूत शिधा है, और प्रत्येक विश्वासी को इसे अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।

3. बपतिस्मा किस प्रकार दिया जाना चाहिए? 

1) किसके नाम में?

क) पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम में, मत्ती 28:19, यह महान कार्याधिकार है। 

ख) प्रभु यीशु के नाम में, प्रेरितों के काम 8:16; प्रेरितों के काम 19:5, पौलुस इफिसुस में।

ग) यीशु मसीह के नाम में, प्रेरितों के काम 10:48 पतरस यहाँ अन्यजातियों के विषय में बोल रहा है।

2) कौन सा पदार्थ प्रयोग किया जाता है? केवल जल, प्रेरितों के काम 8:36, "देख, यहाँ जल है। "यूहन्ना 3:23, "और यूहन्ना भी ऐनोन में बपतिस्मा देता था। क्योंकि वहाँ बहुत जल था।"

3) बपतिस्मा किस के द्वारा सम्पन्न किया जाना चाहिए? कलीसिया के एक या एक से अधिक प्रतिनिधियों द्वारा। उदाहरण, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला, फिलिप्पुस, पतरस, पौलुस और सीलास, हनन्याह आदि।

4) बपतिस्मा कहाँ सम्पन्न किया गया? 

क) साधारणतः किसी नदी में यीशु मत्ती 3:13-17; यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का कार्य, यूहन्ना 3:22.23

ख) कभी कभी किसी इमारत में या ऐसी स्थिति के अन्तर्गत जिसका विशेष विवरण नहीं दिया गया है। लुदिया, प्रेरितों के काम 16:13-15; बन्दीगृह का दारोगा और उसका परिवार, प्रेरितों के काम 16:33; शमौन जादूगर, प्रेरितों के काम 8:12,13

5) बपतिस्मा की विधि

क) उंडेलने द्वारा, सम्भवतः यह पुराने नियम के अभिषेक का ही अनुसरण है, 1 शमूएल 10:1 

ख) छिड़काव द्वारा, सम्भवतः यह पुराने नियम के खतने का अनुसरण है। जो प्रचारक शिशुओं का बपतिस्मा छिड़काव द्वारा सम्पन्न करते हैं, उनका यह विश्वास होता है।

1) वे बालक के उद्धार के लिए उसे बपतिस्मा नहीं दे रहे हैं। 

2) विश्वासी माता-पिता के बच्चे अपने अन्तःकरण के विरुद्ध जानबूझ कर पाप करने से पहले उद्धार की स्थिति में होते हैं; 1 कुरिन्थियों 7:14; मत्ती 18:10

3) बपतिस्मा, खतने का स्थान ले लेता है। उनका आठवें दिन खतना किया जाता था 

4) माता-पिता बच्चे के बदले प्रभु और कलीसिया से प्रतिज्ञा करते हैं।

5) बपतिस्मा कलीसिया की सदस्यता के लिए वैध नहीं माना जाता जब तक कि समस्त आशय समझ नहीं लिए जाते और तब उनको दृढ़ीकरण संस्कार या दूसरी विधि द्वारा स्वीकार किया जाता है।

6) ऐसा बपतिस्मा अविश्वासी माता-पिता के बच्चों को नहीं दिया जाता। 

ग) डुबकी द्वारा। बपतिस्मा का मूल अर्थ "डुबकी लगाना" है। इतिहास के अनुसार नए नियम में डुबकी का ही बपतिस्मा साधारणतः स्वीकार किया जाता था।

   मत्ती 3:16, मुक्तिदाता, "बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया। " प्रेरितों के काम 8:38,39, खोजा और फिलिप्पुस, "दोनों जल में उतरे " और फिर "जल में से निकल कर ऊपर आए।"

   रोमियों 6:1-13 के अनुसार डुबकी का बपतिस्मा निश्चय ही ठंडेलने या छिड़काव के बपतिस्मा की अपेक्षा मृत्यु, गाड़े जाने और फिर जी उठने का अधिक पूर्ण चित्र है।

    छिड़काव और उंडेलना शुद्धिकरण और समर्पण का उदाहरण हो सकता है। विश्वासी को पानी में डुबकी देना संसार के लिए इस तथ्य का चिह्न है कि वह मर गया, गाड़ा गया और फिर जी उठा और अब यीशु के साथ रहता है।

   कुलुस्सियों 2:12. “उसी के साथ बपतिस्मा में गाड़े गए उसके साथ जी भी उठे।" इसमें महत्वपूर्ण बात विधि नहीं है, परन्तु आन्तरिक आत्मिक अर्थ महत्वपूर्ण है।


4. बपतिस्मा कब दिया जाना चाहिए? 

   तब नहीं, जब कि मैं अपने पापों की क्षमा चाहता हूँ तब भी नहीं जब कि मैंने प्रोटैस्टैन्ट बनने का निर्णय कर लिया है। अपनी सामाजिक या व्यापारिक प्रगति या वैवाहिक अभिप्राय के लिए भी नहीं।

1) उस समय जब कि व्यक्ति परिपक्व है और वह खण्ड 2 की शर्तों को समझता और उनको पूरा करता है। क्या नए नियम में बच्चों को बपतिस्मा दिया जाता था? तीन घरों में बपतिस्मा दिये जाने का उल्लेख पाया जाता है।

   फिलिप्पी दारोगा, प्रेरितों के काम 16:33; स्तिफनास, 1 कुरिन्थियों 1:16; लुदिया, प्रेरितों के काम 16:15; परन्तु यहाँ बच्चों का उल्लेख नहीं है। प्रेरितों के काम 8:12, "क्या पुरुष क्या स्त्री बपतिस्मा लेने लगे।" 

   कुछ लोग बच्चों को बपतिस्मा देने के स्थान पर उनको अर्पण करना उचित मानते हैं।

   यदि कोई बालक बिना बपतिस्मा लिए मर जाता है तो क्या वह उद्धार से वंचित हो जाता है? नहीं। बपतिस्मा न तो बालक का उद्धार करता है और न ही उसे दण्ड के योग्य ठहराता है। उद्धार मसीह के द्वारा मिलता है, बपतिस्मा के द्वारा नहीं, प्रेरितों के काम 4:12 
   2 शमूएल 12:15-23 में दाऊद का छोटा पुत्र खतना रहित अवस्था में और बिना बपतिस्मा पाए मर गया, तौभी दाऊद कहता है, “मैं तो उसके पास जाऊँगा" और निश्चय ही दाऊद स्वर्ग में गया जहाँ वह बालक से मिलने की अपेक्षा रखता था।

सारांश

   बपतिस्मा में मैं परमेश्वर और धार्मिकता के साथ शैतान और पाप के विरुद्ध सार्वजनिक रूप में खड़ा होता हूँ। बपतिस्मा अन्धकार की शक्तियों के विरुद्ध एक चुनौती है। मैं अपने प्रभु यीशु के लिए जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। बपतिस्मा विश्वास का एक कार्य है जो कि परमेश्वर के अनुग्रह को विजय प्राप्ति के लिए शक्ति प्रदान करने के लिए पुकारता है।

   बपतिस्मा एक आज्ञा है। यह ऐच्छिक नहीं है। यह मेरे लिए हैं, मुझे इस आज्ञा का पालन करके इसके अधीन होना है। 

   यदि धार्मिकता को पूरा करने के लिए मसीह को बपतिस्मा लेने की आवश्यकता थी तो निश्चय ही मुझे भी इसकी आवश्यकता है। आइए हम प्रार्थना सहित लगन के साथ बपतिस्मे और विजयी जीवन पर बल देते रहें।

पुनर्विचार के लिए प्रश्न 

1. प्रेरितों के काम 8:36 के अनुसार खोजा बपतिस्मा लेने का इच्छुक क्यों था?
2. जब कि बुद्धिजीवी वर्ग ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से बपतिस्मा लेने से इन्कार कर दिया तो इसके लिए किसने कष्ट सहन किया? लूका 7:301
3. बपतिस्मा के छः अर्थ बताइए।
4. रोमियों 6:45 में विश्वासी की मसीह के साथ तीन समानताएं कौन-कौन सी हैं?
5. जो लोग बपतिस्मा लेना चाहते हैं उनकी सात आवश्यकताएं बताइए ।
6. बपतिस्मा किस प्रकार दिया जाना चाहिए-किसके नाम में? किस पदार्थ में? 
7. नए नियम के युग में साधारणतः बपतिस्मा कहाँ सम्पन्न किया जाता था? दो उदाहरण प्रस्तुत कीजिए । 
8. बपतिस्मे की तीन विधियां बताइए जो आज प्रचलित है। कौन सी सबसे अधिक पवित्रशास्त्र सम्मत है? क्यों?
9. एक मसीही को कब बपतिस्मा दिया जाना चाहिए? 
10. यदि कोई बालक बिना बपतिस्मा पाए मर जाता है तो क्या वह उद्धार से वंचित रह जाता है? क्यों?