अन्यभाषा में बोलना

प्रे 2:4 "वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ्य दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।"

अन्य भाषा बोलना या चिह्नीय नये नियम में परमेश्वर द्वारा पवित्र आत्मा में बपतिस्में का चिह्न माना गया (यूनानी के शब्द ग्लोसाइस लालो से लिया गया है), (प्रे 2:4, 10:45-47, 19:6)। यह आत्मा से भरा आत्मिक जीवन आज भी मान्य है।

अन्य भाषा में सत्य बोलना - 
(1) अन्य भाषा आत्मा का प्रकटीकरण अन्य भाषा में बोलना पवित्र आत्मा का प्रकटीकरण है, अर्थात्, आत्मा से प्रेरित बोल जिससे विश्वासी ऐसी भाषा (ग्लोसा) में बोलता है जिसे उसने पहले कभी नहीं जाना है व सीखा (प्रे 2:4; 1कुर 14:14-15)। हो सकता है वह भाषा पहिले से ही अस्तित्व हो (प्रे 2:6) अथवा पृथ्वी पर अज्ञात हो (तुलना करें 1कुर 13:1)। यह कोई "उल्लसित भाषण" नहीं और न ही बाइबल "उल्लसित कथन" इस शब्द का प्रयोग कर अन्यभाषा का वर्णन करती है।

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(2) अन्यभाषा पवित्र आत्मा में बपतिस्में का आरम्भिक लक्षण अन्य भाषा में बोलना प्रेरणा से भर कर बोलना है जिसमें विश्वासी की आत्मा तथा पवित्र आत्मा बोल चाल में एवं भविष्यवाणी में मिल जाते हैं। परमेश्वर ने आरम्भ से ही अन्य भाषा में बात करने को पवित्र आत्मा के साथ जोड़ा है (प्रे 2:4), ताकि पिन्तेकुस्त के दिन 120 विश्वासी, तथा विश्वासी उनके बाद यह अनुभव से भरा दृढीकरण प्राप्त करें कि उन्होंने पवित्र आत्मा में बपतिस्मा पाया है (तुलना करें से 10:45-46)। इस प्रकार इस अनुभव को उद्देश्यात्मक रूप से प्राप्त करने के समय व स्थान के अनुसार मान्य किया जा सकता है। कलीसिया के इतिहास भर में जब क कभी भी अन्य भाषा को दृढ़ करने वाले चिह्न के रूप में इन्कार किया गया, या दृश्य से हटाया गया तो पिन्तेकुस्त के सत्य व अनुभव को तोड़ा मरोड़ा अथवा पूरी तरह से अवहेलना की गई है। 

(3) अन्यभाषत का दान । अन्य भाषा में बात करना विश्वासी के लिये एक वरदान कहा गया है (1कुर 12:4-10)। इस वरदान के दो मुख्य उद्देश्य हैं: 

(A) अन्यभाषा में अनुवाद के साथ बोलना सार्वजनिक रूप से कलीसिया में आत्मा के संचालन में प्रशंसा अथवा भविष्यवाणी के लिये दिया जाता है (1कुर 14:5-6, 13-17)

(B) अन्य भाषा में बोलना विश्वासी द्वारा परमेश्वर से व्यक्तिगत तौर पर सीधे रूप में अपनी आत्मिक उन्नति के लिये दिया जाता है (1कुर 14:4)। इसका अर्थ है आत्मा के स्तर पर बोलना (14:2,14) प्रार्थना के उद्देश्य से (14:2, 14, 15,28), धन्यवाद देने (14:16-17) अथवा गाने के लिये (14:15; देखें 1कुर 14 

टिप्पणियाँ, देखें लेख विश्वासियों के लिए आत्मिक वरदान, पृष्ठ 1800)।

अन्यभाषा में झूठ बोलना। अन्यभाषा में बात करना अथवा अन्य अलौकिक भाषा में बात करने को भी चुनौतिपूर्ण व सामना करने योग्य प्रमाणों के प्रकटीकरण का सामना करना पड़ा। अन्य भाषा में बात करने की मानवीय प्रयास द्वारा नकल की जा सकती है अथवा दुष्टात्मा भी इसकी नकल कर सकता है। बाइबल हमें सचेत करती है कि हर आत्मा पर विश्वास न करें, परन्तु जाँच करें कि क्या हमारा आत्मिक अनुभव वास्तव में परमेश्वर की ओर से है (देखें 1यूह 4:1. टिप्पणी)। 

(1) सही अन्यभाषा में बात करने का अर्थ जैसे "आत्मा बोलने की सामर्थ्य देता है" (प्रे 2:4)। नियम के अनुसार अन्यभाषा में बात करना आत्मा से भरने की आरम्भिक भरपूरी सहजता से होनी चाहिये। यह सीखने वाली बात नहीं और न ही विश्वासियों को कोई शब्दांश रहना सिखाने की बात है।

(2) पवित्र आत्मा स्पष्टता से चेतावनी देता है कि अन्तिम दिनों में कलीसिया के अन्दर पाखण्डी (1तीम 4.1-2), शैतानी शक्तियों द्वारा चिह्न (मत 7:22-23: तुलना करें 2थिस 2:9), और धोखा देने वाले सेवक जो सेवकों के भेष में आएंगे (2कुर 11:13-15)। हमें 
झूठी आत्माओं तथा चिह्नों के विरोध में इन चेतावनियों पर ध्यान देना चाहिये (मत 7:22-23 2थिस 2:8-10) 1 

(3) यह परखने के लिये कि क्या हम जिस अन्य भाषा में बात कर रहे हैं वह सही है, अर्थात् पवित्र आत्मा की ओर से है तब आत्मा के बपतिस्में को प्राप्त कर बाइबल में मिले परिणामों से मेल करना चाहिये 


 यदि कोई पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाने का दावा कर रहा है और वह मसीह एवं वचन के अधिकार के प्रति समर्पित नहीं है, और पवित्रशास्त्र का आज्ञापालन नहीं कर रहा है तो चाहे वे कैसा भी आत्मा का प्रदर्शन कर रहा है वह पवित्र आत्मा की ओर से नहीं है (1यूह 3:6-10, 4:1-3, तुलना करें मत 24:11.24. यूह 8:31; गल 1:9, टिप्पणी)