जब कोई प्रभु यीशु पर विश्वास करता है, तो क्या होता है ?

प्रस्तावना

    ब्रायर क्रैस्ट बाइबल इन्स्टीट्यूट के मेरे आध्यात्म - विज्ञान के शिक्षक मिस्टर स्वैन्सन से कहा कि जिस क्षण कोई पापी मसीह यीशु को स्वीकार करता है उस समय 38 बातें होती हैंयद्यपि हो सकता है उसे शान्ति या प्रसन्नता या पापों की क्षमा का चेतन अनुभव ही हो। इसका उदाहरण एक मोटर गाड़ी के चलने से दिया जा सकता है। गियर डाला जाता है और जिस क्षण ड्राइवर क्लच ढीला करता हैबहुत सी बातें होती हैं परन्तु सम्भवतः सभी ड्राइवर इतना ही जानते हैं कि कार चल रही है। वास्तव में इसमें सैकड़ों बातें हुई हैं जिनको वह धीरे - धीरे सीखेगा। रेहवरैण्ड रे फ्रेम ने इन विभिन्न बातों को अनेक स्पष्ट वर्गों में विभाजित किया है।

 

1.   परमेश्वर पिता से सम्बन्धित

1.     परमेश्वर के अनुग्रह तक पहुँच ( Access ) : इफिसियों 2:18 " क्योंकि उस ( ख्रीष्ट ) ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पहुँच होती है। " हमारी पहुँच पहले उद्धार तक और फिर प्रार्थना तक होती है। इफिसियों 3:12 जिसमें हमको उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिकार है।

2.     लेपालकपन ( Adoption ) : पुत्र के रूप में परमेश्वर के परिवार में सम्मिलित होना। गलातियों 4 : 5 " ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल लेकर छुड़ा लेऔर हमको लेपालक होने का पद मिले" इफिसियों 1 : 5, “ और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहले से ठहराया कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों।"

3.     उत्तराधिकार ( Inheritance ) : प्रेरितों के काम 26:18, " कि पापों की क्षमाऔर उन लोगों के साथ जो मुझ पर विश्वास करने से पवित्र किए गए हैंमीरास पाएं।"

4.     चुने हुए ( Chosen ) : 1 पतरस 1 : 2, " परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार चुने गए हैं।" इफिसियों 1 : 4, "जैसा उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहिले उसमें चुन लिया।" यूहन्ना 15:16, "तुमने मुझे नहीं चुनापरन्तु मैंने तुम्हें चुना है" ( चुनाव )।

5.     परमेश्वर की सन्तानः यूहन्ना 1:12, " परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण कियाउसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दियाअर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।" यूहन्ना 3 : 1, " देखें पिता ने हमसे कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं।"

6.     स्वर्गीय नागरिकताः फिलिप्पियों 3:20, " पर हमारा स्वदेश ( नागरिकता ) स्वर्ग पर हैऔर हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहाँ से आने की बाट जोह रहे हैं।"

7.     परमेश्वर के वारिस : रोमियों 8:17, " और यदि सन्तान हैतो वारिस भी वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस है। " गलातियों 3:29 "और यदि तुम मसीह के होतो इब्राहिम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।"

8.     नई सृष्टि : कुरिन्थियों 5:17, " सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है : पुरानी बातें बीत गई हैंदेखो वे सब नई हो गई। " हम पतित आदम के पुराने स्वभाव के साथ जन्मे थेअब हमारे अन्दर परमेश्वर का स्वभाव है।

9.     परमेश्वर का सेवकः रोमियों 6:22, " परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुमको फल मिला।" रोमियों 1 : 1, " पौलुस की ओर से जो यीशु मसीह का दास है।"

10. परमेश्वर का याजकः पतरस 2 : 9, " पर तुम एक चुना हुआ वंश और राजपदधारी याजकों का समाज हो।" पतरस 2 : 5, " तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाई आत्मिक घर बनाते जाते होजिससे याजकों का पवित्र समाज बन करऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओजो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य है।"

11. परमेश्वर के साथ फिर मेल - मिलापः रोमियों 5:10, "उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? " इफिसियों 2 : 12,13, " तुम लोग उस समय मसीह से अलग और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थेपर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थेमसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।"

12. पवित्रीकरण ( Sanctification ) : 1 कुरिन्थियों 6:11, तुम में से कितने ऐसे ही थेपरन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे " और परमेश्वर के आत्मा से धोए गए और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे। " प्रेरितों के काम 26:18 पवित्रीकरण को हृदय - परिवर्तन का सीधा परिणाम बताता है।

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2.परमेश्वर पुत्र से सम्बन्धित

13. प्रिय में स्वीकार किए गए ( Accepted in the Beloved ) : इफिसियों 1 : 6, " कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति होजिसे उसने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया। " यीशु के कारण हमपरमेश्वर के परिवार मेंउसकी उपस्थिति और अधिकार में पूर्ण सहभागी हुए हैं।

14. मसीह के शरीर में बपतिस्मा दिया गयाः "क्योंकि हम सब ने एक ही आत्मा के द्वाराएक देह होने के लिए बपतिस्मा लिया, " ( मसीह का अदृश्य शरीर ) । गलातियों 3:27, " और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है।"

15. मसीह के साथ गाड़े गए : रोमियों 6 : 4, “ सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए। " कुलुस्सियों 3 : 3, तो मर गएऔर तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा 1कुरिन्थियों 12:13, क्योंकि तुम हुआ है।"

16. पिता की ओर से पुत्र को दिया गया प्रेम का उपहारः यूहन्ना 17 : 9, " मैं उनके लिए विनती करता हूँउन्हीं के लिए जिन्हें तू ने मुझे दिया हैक्योंकि वे तेरे हैं। " हमपिता की ओर से पुत्र मसीह यीशु को दिए गए प्रेम के विशेष उपहार है।

17. मसीह के द्वारा हमारा उद्धारः प्रेरितों के काम 16:31, " प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा। " प्रेरितों के काम 4:12, " और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहींक्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गयाजिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें। " ( प्रभु यीशु ख्रीष्ट का अमुल्य नाम )।

18. मसीह द्वारा निवास करना ( Indwelt by Christ ) : प्रकाशितवाक्य 3:20, " देखमैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँयदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगातो मैं उसके पास भीतर आ कर उसके साथ भोजन करूँगाऔर वह मेरे साथ। " यूहन्ना 14:23, " और हम ( मसीह और पवित्र आत्मा ) उसके पास आएंगेऔर उसके साथ वास करेंगे।

19. अनन्त जीवन का अधिकार रखनाः यूहन्ना 10:28, " और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँऔर वे कभी नाश न होंगी। यूहन्ना 5:13, " कि तुम जानोकि अनन्त जीवन तुम्हारा है।"

20. शान्तिः यूहन्ना 14:27, " मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ।" फिलिप्पियों 4 : 7, “तब परमेश्वर की शान्तिजो समझ मैं बिलकुल परे हैतुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।"

21. परमेश्वर के मित्रः यूहन्ना 15:15, अब से मैं तुम्हें दास न कहूँगाक्योंकि दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करता है । परन्तु मैंने तुम्हें मित्र कहा है।

22. स्वर्ग में नाम लिखे हुए हैं : लूका 10:20, "आनन्दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं।" फिलिप्पियों 4 : 3, "जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं।" प्रकाशितवाक्य 13 : 8 से तुलना करें।

23. मसीह के साथ स्वर्गीय स्थानों में बैठाया जानाः इफिसियों 2 : 6, "और मसीह यीशु में उसके साथ उठायाऔर स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया " ( मसीह और विश्वासी संग बैठेंगे )।

24. एक धन्य आशा प्राप्त करता है : तीतुस 2:13, “और उस धन्य आशा की अर्थात् अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें।" प्रकाशितवाक्य 22:20, "जो इन बातों की गवाही देता हैवह यह कहता हैहांमैं शीघ्र आने वाला हूँ। आमीन । हे प्रभु यीशु आ।"

25. त्रिएकत्व से सहभागिता : यूहन्ना 1 : 3, "इसलिए कि तुम भी हमारे साथ सहभागी होऔर हमारी यह सहभागिता पिता के साथ और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है।"

26. महिमा के महल उसके हो जाते हैं : यूहन्ना 14 : 2, "मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैयदि न होतेतो मैं तुमसे कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जाता हूँ।"  

 

3. परमेश्वर पवित्र आत्मा से सम्बन्धित

27. नए सिरे से जन्म ( Born Again ) : यूहन्ना 3 : 3,7, "नए सिरे से जन्म लेना अवश्य है।" यूहन्ना 3 : 5 , "जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।' 1 पतरस 1:23, पवित्र आत्मा परमेश्वर का वचन लेता हैऔर व्यक्ति की पुनः सृष्टि करता है।

28. पवित्र आत्मा द्वारा अभिषेक किया जानाः यूहन्ना 2:27, और तुम्हारा वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गयातुम में बना रहता हैऔर तुम्हें इसका प्रयोजन नहींकि कोई तुम्हें सिखाए।" यूहन्ना 14 : 26; यूहन्ना 16:13 भी देखिए।"

29. पवित्र आत्मा का मन्दिरः कुरिन्थियों 6:19, "क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर हैजो तुम में बसा हुआ है ?"

30. पवित्र आत्मा द्वारा एक आत्मिक उपहार दिया गया : कुरिन्थियों 12:11, "परन्तु ये सब प्रभावशाली कार्य वही एक आत्मा करवाता हैऔर जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।

31. पवित्र आत्मा द्वारा अन्तर में वास करना ( Indwelt by the Holy Spirit ) : रोमियों 8:16, “आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं।"

32. पवित्र आत्मा द्वारा छाप लगाई गईः इफिसियों 1:13, “और जिस पर तुमने विश्वास कियाप्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।"  

4. पाप से सम्बन्धित

33. क्षमा किए गए : लूका 7:48, "और उसने स्त्री से कहातेरे पाप क्षमा हुए।" ( पद 47 भी देखिए )। इफिसियों 1 : 7, हमको उसमें उसके लोहू के द्वारा छुटकाराअर्थात् अपराधों की क्षमा उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।"

34. धर्मी ठहराए गए ( Justified ): रोमियों 5 : 1, "सो कब हम विश्वास में धर्मी ठहरेतो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।" रोमियों 4 : 5, "परन्तु. जो काम नहीं करता वरन भक्तिहीन के धर्मी ठहराने वाले पर विश्वास करता हैउसका विश्वास उसके लिए धार्मिकता गिना जाता है।"

35. छुटकारा किया गया ( Redeemed ) : प्रकाशितवाक्य 5 : 9, "अपने लोहू से परमेश्वर के लिए लोगों को मोल लिया है।" पतरस 1 : 18,19, "तुम्हारा छुटकारा चाँदी - सोने अर्थात् नाशमान वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ।" 

5. शैतान से सम्बन्धित

36. मसीह हमारा वकील या सहायक बन जाता है ( Advocate ) : 1 यूहन्ना 2 : 1, “पिता के पास हमारा एक सहायक हैअर्थात् धार्मिक यीशु मसीह।" 

37. पाप पर विजयः यूहन्ना 5 : 4 l, "क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ हैवह संसार पर जय प्राप्त करता हैऔर वह विजय जिससे संसार पर जय प्राप्त होती है हमारा विश्वास है।" 

 

6 . दूसरों से सम्बन्धित

38. राजदूत ( Ambassadors ) : 2 कुरिन्थियों 5:20, "सो हम मसीह के राजदूत अतः वह बाहरी संसार में साक्षी देने के लिए अपने आप उत्तरदायी हो जाता है।

 

सारांश
उसे समस्त आत्मिक आशिर्षे प्राप्त होती हैंइफिसियों 1: 3, "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद होकि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशिष दी है।" भजन संहिता 23 : 6, “निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेगीऔर मैं यहोवा ( परमेश्वर ) के धाम में सर्वदा वास करूँगा।"

 

पुनर्विचार के लिए प्रश्न

  1. क्या यह सम्भव है कि हृदय - परिवर्तन के समय उससे बहुत अधिक बातें घटित होती है जितना हम अनुभव करते हैं एक उदाहरण दीजिए।
  2. क्या यह सच है कि जब कोई व्यक्ति मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करता है तो केवल 38 बातें घटित होती हैं ?
  3. परमेश्वर पिता से सम्बन्धित जो बारह बातें बताई गई हैं उनमें से आप ने कितनी बातें उस दिन अनुभव की जब आप बचाए गए। ?
  4. जो 38 बातें बताई गई हैं उनमें से कौन सी आपके लिए सबसे अधिक उद्देश्य पूर्ण है क्यों ?
  5. परमेश्वर पिता से सम्बन्धित उन सात बातों को बताइए जो विश्वास करने पर घटित होती है।
  6. परमेश्वर पुत्र से सम्बन्धित उन सात बातों को बताइए जो विश्वास करने पर घटित होती है।
  7. परमेश्वर पवित्र आत्मा से सम्बन्धित उन पांच बातों को बताइये जो विश्वास करने पर घटित होती हैं।
  8. पाप से सम्बन्धित उन तीन बातों को बताइये जो विश्वास करने पर घटित होती है।
  9. शैतान से सम्बन्धित उन दो बातों को बताइये जो विश्वास करने पर घटित होती है।
  10. अपने साथियों से सम्बन्धित उस एक बात को बताइये जो विश्वास करने पर घटित होती है।