यीशु मसीह का ईश्वरत्व (इस विषय के विरुद्ध तर्क

प्रस्तावना

हमारे प्रभु यीशु मसीह  के ईश्वरत्व पर यह अध्याय पिछले अध्याय के अतिरिक्त प्रस्तुत किया गया है। कई देशों में इस अमूल्य सिद्धान्त पर निर्दयतापूर्ण आक्रमण होते हैंइसलिए विरोधियों द्वारा पवित्रशास्त्र के जिन पदों तथा तर्कों का प्रयोग किया जाता हैउनको जानना हमारे लिए आवश्यक है।

    इस अध्याय की सामग्री (एक उत्तम अध्ययन) "Christ's Diety" नामक एक पुस्तिका से ली गई हैजिसके लेखक मनीला के निवासी एफ्रेन ऑलवियर है और यह पुस्तिका रेंगल एन्ड सन्स ने प्रकाशित की है। हम यहाँ 21 तर्क और उनके संक्षिप्त उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए उक्त पुस्तिका ओ० एम० एफ० पब्लिशर्स या दूसरे मसीही पुस्तक विक्रेताओं से प्राप्त की जा सकती है।

 

1. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि उसमें मांस और हड्डियाँ थी और परमेश्वर आत्मा है जिसमें न तो मांस है और न हड्डियाँयूहन्ना 4:24; लूका 24:39

    मनुष्य के रूप में यीशु मसीह  में मांस और हड्डियाँ दोनों ही थी परन्तु परमेश्वर के रूप में वह आत्मा था। यह समस्या उद्धारकर्ता के दोहरे स्वभाव के कारण उत्पन्न होती है।

    अदृश्य परमेश्वर को दृश्य बनने के लिए मांस और हड्डियाँ बनना आवश्यक था। तीमुथियुस 2:5, यीशु एक द्वैत व्यक्तित्व है, "मसीह यीशु जो मनुष्य है" (मनुष्य और परमेश्वर)। तीमुथियुस 3:16, "वह (परमेश्वर) जो शरीर में प्रकट हुआ," यीशु मसीह  के व्यक्ति में।


Vishwasi Tv में आपका स्वागत है

Read More: ज्यादा बाइबल अध्ययन के लिए क्लिक करें:

 

2. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि उसका तो आरम्भ था और परमेश्वर का आरम्भ नहीं है। यूहन्ना 8:42; भजन संहिता 90:2

 मनुष्य के रूप में यीशु का आरम्भ थाजबकि वह पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से गर्भ में रहा परन्तु परमेश्वर के रूप में उसका न तो आरम्भ है और न अन्तयूहन्ना 8:56-58; कुलुस्सियों 1:17; यूहन्ना 1:18; यशायाह 9:6

 

3. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि उसे सृजा गयापरन्तु परमेश्वर का आरम्भ नहीं है।

कुलुस्सियों 1:15; प्रकाशिवाक्य 3:14 | प्रकाशितवाक्य 3:14 का वास्तविक अनुवाद कुछ इस प्रकार है, "वह परमेश्वर द्वारा की गई सृष्टि के आरम्भ का साक्षी था।" वह सृष्टि नहींवरन सृष्टि का साक्षी था। नीतिवचन 8:22, 23, उस बुद्धि के विषय में कहे गए वचन हैं जो यीशु मसीह  के व्यक्ति में साकार हुईयीशु मसीह  अनन्त से थावह आदि से या पृथ्वी से भी पहले से था।

 

4. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि होशे 11:9 बताता है कि परमेश्वर मनुष्य नहीं हैजब कि यहेजकेल 28:2 में लिखा है कि मनुष्य परमेश्वर नहीं है।

   होशे का उक्त पद यह नहीं कहता कि परमेश्वर मनुष्य का भौतिक शरीर धारण नहीं कर सकता। परमेश्वर के लिए कुछ भी कठिन नहीं यिर्मयाह 32:17, 18 और वह भौतिक शरीर में भी अपने को प्रकट कर सकता है। 

5. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि उसने लूका 23:34 और यूहन्ना 20:17 में परमेश्वर को अपना पिता कहकर पुकारा। 

यीशु ने मानवीय व्यक्ति के रूप में परमेश्वर को अपना पिता कहकर पुकारापरमेश्वर इब्रानियों 1:8 में यीशु को "परमेश्वर" कहकर पुकारता हैपरन्तु इससे परमेश्वरत्व में पिता का स्तर कम नहीं होता। 

 

6. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि पिता ने उसे इस पृथ्वी पर भेजायूहन्ना 8:42

पिता द्वारा पुत्र को पृथ्वी पर भेजने से (यीशु ने स्वेच्छा से आने के लिए स्वयं को अर्पित किया) उसके सर्वशक्तिमान परमेश्वर होने के स्तर में कमी नहीं आती लूका 19:10; 1 तीमुथियुस 1:15; गलातियों 4:4,51

 

7. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि वह शरीर में प्रकट हुआ, 1 यूहन्ना 4:2, 3:2; 2 यूहन्ना 71 जबकि यीशु मांसहड्डियाँ और लोहू हैतो वह मात्र मनुष्य हैइससे अधिक कुछ नहीं। 

यीशु ने देहधारी होने के लिए मांसहड्डियोंऔर लोहू का शरीर धारण किया। परमेश्वर के रूप में वह अनन्त आत्मा हैपरन्तु हमारा उद्धारकर्ता बनने के लिए उसे मानवता का भाग बनना आवश्यक था। 

 

8. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि कुरिन्थियों 11:3 के अनुसार परमेश्वर उसका सिर है।

    त्रिशासकत्व में यह आवश्यक है कि उनमें से एक अध्यक्ष बने परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि वह अन्य दोनों से महान है। पितापुत्र और पवित्र आत्मा समान हैपरन्तु प्रशासनिक अभिप्राय की दृष्टि से पिताकार्यकारी प्रशासक के रूप में कार्य करता है।

 

9. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि उसे यूहन्ना 8:40 और तीमुथियुस 2:5 में मनुष्य कहा गया है। 

  

यीशु एक ही व्यक्ति में दोनों स्वभावों के परस्पर मिश्रण से रहित अवस्था में पूर्ण मनुष्य और पूर्ण परमेश्वर दोनों ही था। इम्मानुएल का अर्थ है, “परमेश्वर हमारे संग । "

 

10. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं हैपरन्तु वह परमेश्वर का पुत्र हैंठीक वैसे ही जैसे कि हम परमेश्वर के पुत्र बन सकते हैं

 

यीशु मसीह  को ग्रहण करने के द्वारा हम "परमेश्वर की सन्तान " बन जाते हैं (यूहन्ना 1:12) परन्तु यीशु मसीह , "परमेश्वर का एकलौता पुत्र है" (यूहन्ना 3:16) वह अद्वितीय है और उसका स्थान विशिष्ट है। परमेश्वर-पुत्र पिता के बराबर हैफिलिप्पियों 2:6; परन्तु सन्त मसीह के साथ उत्तराधिकारी बन जाते हैं।

 

11. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि मत्ती 28:18 के अनुसार पिता ने उसे अधिकार दिया है।

 

फिलिप्पियों 2:5-8 में पुत्र अपना अधिकार पिता को समर्पित कर देता हैऔर पुत्र के पुनरुत्थान के बाद परमेश्वर वही अधिकार उसे फिर लौटा देता है या वापिस कर देता है। यह अधिकार सदा से उसका थापरन्तु उसने स्वेच्छा से इसे पिता को समर्पित किया था।

 

12. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि प्रेरितों के काम 2:36 के अनुसार परमेश्वर ने उसे प्रभु बनाया। 

यहाँ उसकी उन्नति करके उसे प्रभु बना देने से आशय नहीं हैक्योंकि वह सदा ही परमेश्वर थाइसलिए यहाँ परमेश्वर मानवंता पर यह वास्तविकता घोषित करने में इस अवसर का उपयोग करता है।

 

13. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि कुरिन्थियों 15:28 के अनुसार वह परमेश्वर के अधीन है। 

ऐसा यीशु के स्थान के सम्बन्ध में कहा गया हैउसके स्वभाव  के सम्बन्ध में नहीं। यीशु मसीह  ने स्वेच्छा से इस आधीनता को चुनायह उस पर उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं थोपी गई।

 

14. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि वह मर गया थापरन्तु परमेश्वर अमर हैउसकी मृत्यु नहीं हो सकती। तीमुथियुस 1:17; लूका 23:46 और प्रेरितों के काम 2:32

 

यीशु मनुष्य के रूप में मरापरन्तु परमेश्वर के रूप में उसकी मृत्यु नहीं हो सकती थी और न ही हुईइब्रानियों 2:9, 14। यह भौतिक शरीर होता है जो मर जाता हैआत्मा नहीं मरती क्योंकि वह परमेश्वर के पास लौट जाती है।

 

15. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि वह पवित्र आत्मा द्वारा गर्भ में पड़ामत्ती 1:18-20, पवित्र आत्मा की रचना होने के नाते वह न तो परमेश्वर है और न ही सृष्टिकर्ता।

 

यह यीशु मसीह  की भौतिक मानवता थी जो पवित्र आत्मा द्वारा गर्भ में पड़ी। यीशु मसीह  के ईश्वरत्व का अस्तित्व सनातन से था। यूहन्ना 1:1, 2। यीशु का अस्तित्व कुंवारी मरियम से कहीं अधिक पहले से था।

 

16. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं हो सकता क्योंकि उसने यूहन्ना 20:17 में कहा, "मैं अपने पिताऔर तुम्हारे पिता और अपने परमेश्वर और तुम्हारे परमेश्वर के पास ऊपर जाता हूँ," इसलिए निश्चय ही इन दोनों में बहुत अधिक अन्तर होना चाहिए।

पिता और पुत्र दो व्यक्ति है परन्तु एक परमेश्वर है, "मैं और पिता एक हैं," यूहन्ना 10:30 यूहन्ना 17:11, 21, 22 भी देखिए ।

 

17. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं हैक्योंकि उसने पिता से प्रार्थना की और उसको अद्वैत सच्चा परमेश्वर” कहा। यूहन्ना 17:3 और कुरिन्थियों 8:6

 

ऐसी आपत्ति उठाना इस वास्तविकता की उपेक्षा करना है कि पुत्र का पिता के साथ सह-अस्तित्व है। वे स्वभाव में एक हैं (अनन्त आत्मा) परन्तु कार्यभार तथा जिम्मेवारियों में भिन्न हैं। पिता और पुत्र अविभाज्य रूप में परस्पर सम्बद्ध हैं। मत्ती 11:27; लूका 10:22; यूहन्ना 12:45

 

18. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि यदि वह परमेश्वर होता तो फिर एक से अधिक परमेश्वर होते।

 

इस आपत्ति का समाधान अध्याय में कर दिया गया है जो त्रिएकत्व से सम्बन्धित है।

 

19. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि वह केवल परमेश्वर का एक "विचार", "इच्छा" या "अभिप्राय" था। उसका आदि में कोई भौतिक अस्तित्व या भौतिक रूप नहीं था।

 

यह सम्भवतः यूहन्ना 1:1, 2 के शब्दों से एक खिलवाड़ हैपरन्तु पद स्पष्ट और अधिकृत रूप से इसका उत्तर देता है। वचन (यीशु) परमेश्वर था।

 

20. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं हैक्योंकि यूहन्ना 14:28, के अनुसार वह कहता है, “मेरा पिता मुझसे बड़ा है।"

 

यह कथन उसके स्थान से सम्बन्धित हैनिश्चय ही उसके अस्तित्व या स्वभाव से नहीं। स्थिति के अनुसार यीशु ने अपने पिता परमेश्वर के अधीन स्थान को चुना।

 

21. यीशु मसीह  परमेश्वर नहीं है क्योंकि यद्यपि वह परमेश्वर  के साथ एक हैपरन्तु यह एकता केवल उसके चरवाहेगिरीशिक्षा और न्याय से सम्बन्धित हैईश्वरत्व में एक होने से नहीं।

 

पिता और पुत्र एक परमेश्वर है ( परन्तु दो व्यक्ति है) उनका सह-अस्तित्व एक यहोवा परमेश्वर के रूप में है। पिता पुराने नियम का यहोवा थाभजन संहिता 23:1; यीशु नए नियम मेंयूहन्ना 10:11; इब्रानियों 13:20; 1 पतरस 2:25; प्रकाशितवाक्य 7:17

 

सारांश

यीशु मसीह  परमेश्वर हैवह यहोवा है। प्रभु यीशु मसीह  सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। यद्यपि हम सभी शंकाओं का सन्तोषजनक उत्तर नहीं दे सकते परन्तु हम विश्वास करते हैं कि यीशु परमेश्वर है।

 

 

पुनर्विचार के लिए प्रश्न

1) हड्डियाँ और मांस होते हुए यीशु परमेश्वर कैसे हो सकता हैयूहन्ना 4:24; लूका 24:39

 

2) यीशु परमेश्वर कैसे हो सकता है जब कि उसके लिए एक दिन निश्चित थाजिसमें वह उत्पन्न हुआभजन संहिता 2:7; भजन संहिता 90:2

 

3) प्रकाशितवाक्य 3:14 को स्पष्ट कीजिएयीशु परमेश्वर और साथ ही परमेश्वर की सृष्टि का मूल कैसे हो है?

 

4) होशे 11:9 कहता है कि परमेश्वर मनुष्य नहीं हैफिर यीशु परमेश्वर कैसे हो सकता है?

 

5) 1 कुरिन्थियों 11:3 में स्पष्ट रूप से परमेश्वर को यीशु मसीह  का सिर कहा गया है। इसलिए कैसे यीशु मसीह  एक साथ ही परमेश्वर के अधीनस्थ और परमेश्वर दोनों हो सकता है?

 

6) हम सब नए जन्म के द्वारा परमेश्वर की सन्तान बन जाते हैंपरन्तु इससे हम ईश्वर नहीं बन जातेफिर यीशु परमेश्वर के पुत्र" के रूप में परमेश्वर भी कैसे बन सकता है?

 

7 ) यदि कोई विशेष दिन था जिसमें यीशु को "प्रभु" बनाया गयातो वह परमेश्वर कैसे हो सकता हैप्रेरितों के काम 2:36

 

8) जबकि परमेश्वर अमर है और यीशु की मृत्यु क्रूस पर हुई तो वह परमेश्वर कैसे हो सकता है? 1 तीमुथियुस 1:17; लूका 23:46 

 

9 ) क्या यूहन्ना 17:3 और कुरिन्थियों 8:6 इसके प्रमाण कि पिता परमेश्वर एकमात्र सच्चा अद्वैत परमेश्वर है?

 

10 ) यदि यीशु मात्र एक वचन" हैतो यूहन्ना 1:1 के अनुसार एक निर्जीव विचार कैसे परमेश्वर हो सकता है?